DEO kaise bane: फुल फॉर्म, योग्यता, परीक्षा पैटर्न, वेतन, जिम्मेदारियां और तैयारी टिप्स की पूरी जानकारी पाएं और District Education Officer बनने का मार्ग जानें।
भारत में शिक्षा व्यवस्था को अच्छी तरह से चलाने के लिए जिला स्तर पर एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया जाता है, जिसे DEO यानी District Education Officer कहा जाता है। ये पद न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जिले में शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूलों की निगरानी और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी इसकी अहम भूमिका होती है।
DEO kaise bane ये न केवल एक बेहतरीन करियर विकल्प है बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करता है।अगर आप सरकारी नौकरी के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं, तो DEO बनना एक शानदार करियर विकल्प हो सकता है। इस लेख में हम DEO से जुड़ी पूरी जानकारी जानेगे जैसे की DEO का फुल फॉर्म, वेतन, योग्यता, कौशल, चयन प्रक्रिया, भूमिका और जिम्मेदारियाँ, साथ ही तैयारी के टिप्स और बेस्ट बुक्स की सूची भी शामिल करेंगे।
DEO का फुल फॉर्म क्या है? (What is the Full Form of DEO)

DEO का फुल फॉर्म है District Education Officer (जिला शिक्षा अधिकारी)। ये एक गजेटेड ऑफिसर रैंक का पद होता है, जो राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्य करता है। इसका मुख्य कार्य जिले में शिक्षा प्रणाली की मॉनिटरिंग और सुधार करना होता है।अगर आप जानना चाहते हैं कि DEO कैसे बने, तो इसके रोल और महत्व को समझना सबसे जरूरी है।
DEO कैसे बने? (How to Become DEO – District Education Officer)
DEO (District Education Officer) बनने के लिए उम्मीदवार को राज्य सरकार द्वारा आयोजित राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) या संबंधित संयुक्त राज्य सेवा परीक्षा पास करनी होती है। चयन प्रक्रिया आमतौर पर तीन प्रमुख चरणों में होती है।
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam): ये ऑब्जेक्टिव टाइप की परीक्षा होती है जिसमें सामान्य अध्ययन, करंट अफेयर्स, रीजनिंग और गणित जैसे विषय शामिल होते हैं।
मुख्य परीक्षा (Mains Exam): इसमें डिस्क्रिप्टिव टाइप पेपर होते हैं, जिनमें निबंध, शिक्षा नीति, प्रशासनिक विषय और सामान्य ज्ञान शामिल होते हैं।
साक्षात्कार (Interview): इस चरण में उम्मीदवार का पर्सनालिटी टेस्ट, कम्युनिकेशन स्किल्स और प्रशासनिक समझ का मूल्यांकन किया जाता है।
इसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल टेस्ट होते हैं। ये सभी चरण पूरा करने के बाद ही उम्मीदवार का चयन होता है। यानी अगर आप सोच रहे हैं कि DEO कैसे बने, तो आपको PSC की परीक्षा क्लियर करनी होगी।
DEO का काम क्या होता है? (Roles & Responsibilities)
DEO की जिम्मेदारियां शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करती हैं और जिले में शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। DEO जिले के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों की निगरानी करता है और सुनिश्चित करता है कि स्कूलों में पढ़ाई सही रूप से चल रही है। वह शिक्षकों की नियुक्ति, ट्रांसफर और प्रमोशन से जुड़े कार्यों का प्रबंधन करता है और स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाता है।
DEO सरकारी शिक्षा योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करता है, स्कूलों का निरीक्षण करता है और उनकी रिपोर्ट तैयार करता है। इसके अलावा, वह परीक्षाओं का सुचारू आयोजन, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी लाभ योजनाओं का संचालन, और स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर एवं संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। DEO जिले में शिक्षा बजट का प्रबंधन और रिपोर्टिंग करता है और साथ ही ड्रॉपआउट रेट कम करने के लिए रणनीतियां बनाता है। कुल मिलाकर, DEO का काम शिक्षा प्रणाली को मजबूत और प्रभावी बनाना और छात्रों के लिए बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करना है।
कुल मिलाकर, अगर आप जानना चाहते हैं कि DEO कैसे बने, तो यह समझ लें कि इसकी भूमिका बेहद जिम्मेदार और व्यापक है।
DEO बनने के लिए योग्यता (Eligibility Criteria)
DEO बनने के लिए उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होना अनिवार्य है। इसके साथ ही, शिक्षा, प्रबंधन या प्रशासन से संबंधित विषय में पोस्ट -ग्रेजुएशन डिग्री को प्राथमिकता दी जाती है।
यदि उम्मीदवार के पास B.Ed या M.Ed जैसी प्रोफेशनल डिग्री है, तो ये अतिरिक्त लाभकारी माना जाता है। आयु सीमा सामान्य श्रेणी के लिए 21 से 40 वर्ष है, जबकि OBC वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम 3 वर्ष की छूट और SC/ST वर्ग को अधिकतम 5 वर्ष की छूट मिलती है। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार आयु सीमा में थोड़े बदलाव भी संभव हैं।
जो भी उम्मीदवार सोच रहे हैं कि DEO कैसे बने, उन्हें पहले इन शैक्षणिक योग्यताओं और आयु सीमा को ध्यान में रखना चाहिए।
DEO के लिए जरूरी कौशल (Skills Required)
DEO के रूप में सफल होने के लिए कई महत्वपूर्ण कौशल की आवश्यकता होती है। इसमें सबसे पहले लीडरशिप और मैनेजमेंट स्किल्स शामिल हैं, ताकि जिले के सभी स्कूलों और शिक्षकों का प्रभावी संचालन किया जा सके। कम्युनिकेशन स्किल्स बेहद जरूरी हैं, जिससे शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के साथ बेहतर संवाद किया जा सके।
DEO को प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी होनी चाहिए ताकि शिक्षा से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके। एजुकेशन पॉलिसी और लॉ की जानकारी होना आवश्यक है ताकि सरकारी नीतियों और नियमों का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
इसके साथ ही टीम वर्क और कोऑर्डिनेशन क्षमता, डेटा एनालिसिस और रिपोर्टिंग स्किल्स, और फील्ड वर्क तथा मॉनिटरिंग में रुचि भी DEO के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये कौशल DEO को जिले में शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने और स्कूलों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
अगर आप पूछते हैं कि DEO कैसे बने, तो इसका जवाब यही है कि इन कौशलों को विकसित करना बहुत जरूरी है।
DEO का वेतन (Salary of District Education Officer)
DEO एक गजेटेड ऑफिसर का पद होता है, और इसका वेतन राज्य के अनुसार भिन्न हो सकता है। औसत वेतन संरचना कुछ इस प्रकार है:
पे-स्केल: ₹56,100 – ₹1,77,500 (Level 10 – 7th Pay Commission)
ग्रेड पे: ₹5,400 – ₹6,600
अन्य भत्ते: DA (Dearness Allowance), HRA (House Rent Allowance), मेडिकल अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, पेंशन और ग्रेच्युटी।
औसतन, DEO का मासिक वेतन भत्तों सहित ₹70,000 – ₹1,00,000 के बीच होता है। ये वेतन अनुभव, पोस्टिंग और राज्य के नियमों के अनुसार बढ़ता है।
DEO की सैलरी और भत्ते इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। यही वजह है कि बहुत से उम्मीदवार जानना चाहते हैं कि DEO कैसे बने और इस पद तक कैसे पहुँचा जाए।
DEO करियर ग्रोथ के अवसर (Career Growth of DEO Officer)
DEO बनने के बाद आपके पास करियर ग्रोथ के कई अवसर उपलब्ध होते हैं। अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर आप धीरे-धीरे जॉइंट डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन तक प्रमोशन पा सकते हैं। इसके बाद एडिशनल डायरेक्टर और फिर डायरेक्टर ऑफ स्कूल एजुकेशन के पदों पर कार्य करने का अवसर मिलता है।
उच्चतम स्तर पर सक्षम और कुशल अधिकारी कमिश्नर ऑफ एजुकेशन बन सकते हैं, जो पूरे राज्य की शिक्षा प्रणाली के संचालन और नीति निर्धारण में अहम भूमिका निभाते हैं। ये पद DEO के लिए पेशेवर और प्रशासनिक विकास का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
यानी, अगर आप सोच रहे हैं कि DEO कैसे बने, तो जान लें कि इसमें आगे बढ़ने के लिए करियर ग्रोथ और प्रमोशन के शानदार अवसर मौजूद हैं।
DEO परीक्षा की तैयारी कैसे करें? (Preparation Tips for DEO Exam)
DEO परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे पहले सिलेबस को अच्छी तरह समझना जरूरी है, ताकि आप परीक्षा के सभी विषयों पर फोकस कर सकें। इसके बाद, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करना आपके लिए अभ्यास और परीक्षा पैटर्न को समझने में मदद करता है। परीक्षा में सफलता पाने के लिए करंट अफेयर्स पर मजबूत पकड़ होना आवश्यक है, साथ ही गणित और रीजनिंग के प्रश्नों की नियमित प्रैक्टिस करें।
DEO परीक्षा में एजुकेशन पॉलिसी और कानून से संबंधित प्रश्न भी आते हैं, इसलिए इन्हें गहराई से पढ़ें। अंत में, उत्तर लेखन (Answer Writing) का अभ्यास करना न भूलें, क्योंकि मुख्य परीक्षा में डिस्क्रिप्टिव टाइप प्रश्नों में अच्छा अंक पाने के लिए स्पष्ट और संगठित उत्तर देना बहुत महत्वपूर्ण है।
DEO परीक्षा पैटर्न और मार्किंग स्कीम (Exam Pattern & Marking Scheme)
DEO की परीक्षा आमतौर पर दो चरणों में आयोजित होती है – Preliminary Exam और Mains Exam। प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) एक ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा होती है जिसमें सामान्य अध्ययन, करंट अफेयर्स, रीजनिंग और गणित जैसे विषय शामिल होते हैं। इस परीक्षा का समय लगभग 2 घंटे (120 मिनट) का होता है और इसमें 100 से 150 प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जो राज्य आयोग के नियमों के अनुसार बदलते रहते हैं। प्रत्येक गलत उत्तर पर नेगेटिव मार्किंग भी लागू होती है, जो आमतौर पर 0.25 अंक प्रति गलत उत्तर होती है।
मुख्य परीक्षा (Mains Exam) डिस्क्रिप्टिव टाइप होती है, जिसमें उम्मीदवारों को निबंध, शिक्षा नीति, प्रशासनिक विषय और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न हल करने होते हैं। मुख्य परीक्षा का समय लगभग 3 घंटे से 4 घंटे होता है और कुल अंक आमतौर पर 200 से 300 के बीच होते हैं। पासिंग स्कोर और कटऑफ मार्क्स राज्य आयोग द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और उम्मीदवारों को इसके अनुसार चयन प्रक्रिया में आगे बढ़ाया जाता है। Mains Exam के बाद ही साक्षात्कार (Interview) और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है, जो अंतिम चयन के लिए निर्णायक होती है।
DEO परीक्षा के लिए बेस्ट बुक्स (Best Books for DEO Preparation)
GK और करंट अफेयर्स के लिए:
- Lucent’s General Knowledge – सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण तथ्य सीखने के लिए काम आती है।
- Manorama Yearbook – करंट अफेयर्स और वार्षिक अपडेट के लिए।
- दैनिक समाचारपत्र (The Hindu, Indian Express) – ताजातरीन घटनाओं और करंट अफेयर्स की जानकारी के लिए।
गणित और रीजनिंग के लिए:
- R.S. Aggarwal – Quantitative Aptitude – गणित के मूल और अभ्यास के लिए।
- M.K. Pandey – Analytical Reasoning – रीजनिंग और लॉजिक स्किल्स मजबूत करने के लिए।
कानून और संविधान के लिए:
- Laxmikant – Indian Polity – भारतीय संविधान और राजनीति प्रणाली की गहरी समझ के लिए।
- P.M. Bakshi – The Constitution of India – संविधान से संबंधित विस्तृत अध्ययन के लिए।
इन किताबों के माध्यम से उम्मीदवार DEO परीक्षा के सभी महत्वपूर्ण विषयों की मजबूत तैयारी कर सकता है ।
DEO बनने के फायदे (Benefits of Becoming DEO)
DEO का पद न केवल एक प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी है, बल्कि इसके साथ कई फायदे भी जुड़े होते हैं। सबसे पहले, ये नौकरी सामाजिक प्रतिष्ठा देती है क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी जिले में शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होता है।
सरकारी नौकरी होने के कारण इसमें स्थिरता (Job Security) और नियमित वेतन मिलता है, साथ ही विभिन्न भत्ते जैसे DA, HRA, मेडिकल अलाउंस और पेंशन जैसी सुविधाएं भी शामिल होती हैं।
DEO के पास कैरियर ग्रोथ के अवसर भी बहुत हैं। अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर एक DEO धीरे-धीरे जॉइंट डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन, एडिशनल डायरेक्टर, और फिर डायरेक्टर ऑफ स्कूल एजुकेशन तक प्रमोशन प्राप्त कर सकता है।
उच्चतम स्तर पर दक्ष और अनुभवी अधिकारी कमिश्नर ऑफ एजुकेशन बन सकते हैं, जो पूरे राज्य की शिक्षा नीति और प्रशासन का संचालन करता हैं।
DEO भर्ती कब आती है? (DEO Recruitment Dates)
DEO की भर्ती सीधे State Public Service Commission (PSC) या Combined State Civil Services Exam के माध्यम से होती है। हर राज्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार नोटिफिकेशन जारी करता है।
- Tentative Dates: अधिकतर राज्यों में ये भर्ती हर 2–3 साल में आयोजित होती है। 2025 में कई राज्यों द्वारा नई भर्तियों की संभावना है।
- Official Websites:
- उत्तर प्रदेश – uppsc.up.nic.in
- बिहार – bpsc.bih.nic.in
- मध्य प्रदेश – mppsc.mp.gov.in
- राजस्थान – rpsc.rajasthan.gov.in
- उत्तर प्रदेश – uppsc.up.nic.in
- पिछली भर्ती और सीटें: अलग-अलग राज्यों में 20 से 50 तक DEO पद निकाले जाते हैं। उदाहरण के लिए, बिहार और यूपी में हाल की भर्तियों में 30+ सीटें आई थीं।
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DEO परीक्षा की कट-ऑफ और रिजल्ट (Cut-off & Result)
अगर आप जानना चाहते हैं कि DEO परीक्षा की कट-ऑफ और रिजल्ट कैसे होते हैं, तो इसे समझना बेहद जरूरी है। DEO परीक्षा का कट-ऑफ हर साल बदलता रहता है और यह मुख्य रूप से परीक्षा की कठिनाई और उम्मीदवारों की संख्या पर निर्भर करता है। पिछले वर्षों के अनुमानित कट-ऑफ ट्रेंड्स इस प्रकार हैं:
सामान्य वर्ग (General) के उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ लगभग 60% से 65% के बीच रहती है।
OBC वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह कट-ऑफ 55% से 60% के बीच होती है।
SC/ST वर्ग के उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ 50% से 55% के आसपास रहती है।
यह कट-ऑफ पिछले वर्षों के अनुभव और परीक्षा की कठिनाई के आधार पर तय की जाती है।
रिजल्ट चेक करने की प्रक्रिया (How to Check Result)
DEO परीक्षा के परिणाम की आधिकारिक प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- State PSC की आधिकारिक वेबसाइट पर रिजल्ट PDF अपलोड किया जाता है।
- उम्मीदवार अपने रोल नंबर और नाम से अपना परिणाम चेक कर सकते हैं।
Final Merit List
DEO परीक्षा की Final Merit List उम्मीदवारों के कुल अंकों के आधार पर तैयार होती है। इसमें शामिल होते हैं:
- Prelims परीक्षा के अंक
- Mains परीक्षा के अंक
- Interview के अंक
इसके अलावा, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल टेस्ट पास करने वाले ही अंतिम मेरिट लिस्ट में शामिल होते हैं। यानी, अगर आप DEO बनना चाहते हैं, तो परीक्षा पास करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि शारीरिक और डॉक्यूमेंटेशन से जुड़े सभी मानक पूरे करने भी जरूरी हैं।
इस तरह, DEO परीक्षा की कट-ऑफ और रिजल्ट को समझकर आप अपनी तैयारी को बेहतर दिशा दे सकते हैं और यह जान सकते हैं कि हर श्रेणी के उम्मीदवारों को कितने अंक हासिल करने होंगे।
DEO Training & Posting
DEO बनने के बाद उम्मीदवारों को State Education Training Institutes या Administrative Training Institutes में प्रशिक्षण (Training) दिया जाता है।
- Training Duration: सामान्यतः 2–3 महीने, जिसमें प्रशासनिक कार्य, शिक्षा नीति और स्कूल प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाती है।
- पहली पोस्टिंग: चयन के बाद पहली पोस्टिंग आमतौर पर जिला शिक्षा कार्यालय (District Education Office) में दी जाती है।
- Urban vs Rural Posting:
- शहरी क्षेत्रों में अधिक स्कूल और प्रशासनिक दबाव होता है।
- ग्रामीण पोस्टिंग में संसाधनों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी सबसे बड़ी चुनौती होती है।
- शहरी क्षेत्रों में अधिक स्कूल और प्रशासनिक दबाव होता है।
DEO की चुनौतियाँ (Challenges of the Job)
DEO का काम प्रतिष्ठित है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ भी होती हैं:
- स्कूलों का निरीक्षण (Inspection): हर स्कूल की नियमित निगरानी करना और ground-level समस्याएँ समझना।
- Budget और Resources की कमी: सीमित बजट में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
- शिक्षक संघ (Teachers’ Union): शिक्षकों और शिक्षा कर्मचारियों के आंदोलनों व मांगों को संतुलित करना।
- Dropout Rate: गरीब और ग्रामीण इलाकों में ड्रॉपआउट दर कम करने के लिए योजनाएँ बनाना।
- Quality Education: सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करके शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना।
DEO vs BEO (Block Education Officer) Difference
बहुत से उम्मीदवार DEO और BEO को लेकर भ्रमित रहते हैं। यहाँ दोनों का अंतर स्पष्ट है:
- BEO (Block Education Officer):
- ब्लॉक स्तर पर कार्य करता है।
- सीमित दायरे में स्कूलों का प्रबंधन और निरीक्षण करता है।
- वेतनमान DEO से कम होता है।
- ब्लॉक स्तर पर कार्य करता है।
- DEO (District Education Officer):
- पूरे जिले का प्रभारी होता है।
- सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों की जिम्मेदारी।
- उच्च प्रशासनिक अधिकार और वेतनमान (Level 10 Pay Scale)।
- पूरे जिले का प्रभारी होता है।
👉 संक्षेप में, BEO ब्लॉक स्तर पर काम करता है जबकि DEO जिला स्तर पर पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था का प्रमुख अधिकारी होता है।
FAQ – DEO बनने से जुड़े सवाल
Q1: DEO का फुल फॉर्म क्या है?
DEO का फुल फॉर्म है Data Entry Operator।
Q2: DEO कैसे बने?
DEO बनने के लिए आपको कंप्यूटर ऑपरेशन, टाइपिंग स्किल और बेसिक ऑफिस सॉफ्टवेयर (MS Word, Excel) का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। आप SSC CHSL, राज्य स्तरीय परीक्षाओं या प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से यह नौकरी पा सकते हैं।
Q3: DEO बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
कम से कम 12वीं पास होना आवश्यक है। सरकारी नौकरी के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं और कंप्यूटर का बेसिक कोर्स होना जरूरी है।
Q4: DEO बनने के लिए कौन सा कोर्स करें?
DCA (Diploma in Computer Applications), CCC (Course on Computer Concepts) या कोई बेसिक कंप्यूटर सर्टिफिकेट कोर्स करें। टाइपिंग स्पीड 25-35 WPM होनी चाहिए।
Q5: DEO की जॉब कैसे मिलेगी?
आप सरकारी जॉब के लिए SSC CHSL या राज्य की DEO भर्ती परीक्षा दे सकते हैं। प्राइवेट जॉब्स के लिए जॉब पोर्टल (Naukri, Indeed) या कंपनी वेबसाइट से अप्लाई करें।
Q6: DEO की भर्ती कहाँ से होती है?
सरकारी DEO भर्ती SSC, राज्य लोक सेवा आयोग या विभागीय नोटिफिकेशन से होती है।
Q7: DEO का सिलेबस क्या है?
सरकारी DEO परीक्षा में जनरल इंटेलिजेंस, जनरल अवेयरनेस, इंग्लिश, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और कंप्यूटर नॉलेज से प्रश्न आते हैं।
निष्कर्ष
District Education Officer (DEO) का पद शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित और जिम्मेदार पद है। इस पद के माध्यम से आप न केवल अपने करियर को ऊँचाई तक ले जा सकते हैं, बल्कि समाज में शिक्षा सुधार में भी योगदान दे सकते हैं। अगर आपके मन में सवाल है कि DEO कैसे बने, तो इस गाइड ने आपको पूरी जानकारी दे दी है। सही तैयारी, धैर्य और समर्पण से आप इस पद को हासिल कर सकते हैं और शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
Disclaimer
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